THE HINDI POETRY DIARIES

The Hindi poetry Diaries

थोड़ी पीकर प्यास बढ़ी तो शेष नहीं कुछ पीने को, क्या कहता है, रह न गई अब तेरे भाजन में हाला, ध्यान किए जा मन में सुमधुर सुखकर, सुंदर साकी क�

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